कमाल करते हो जनाब, हम ही मिले थे क्या बेवकूफ बनाने के लिए। शायद ऐसा ही कुछ जवाब मिलेगा श्रीमान जी से अगर आपने उन्हें यह कह दिया की उनका २ मीटर लंबा डीएनए इतने छोटे कोशाणु बीज में समाया हुआ है उनके शरीर में की आँखों से देखा भी नही जा सकता। वे तो आप से कुट्टी कर बैठेंगे अगर आपने उनसे यह कह दिया की उनके हर लम्हे की जिंदगी इसी डीएनए से होकर गुजरती है। वे तो यह कहने लगेंगे की आपको कालिया के अमिताभ बनने की जरुरत नही है जिसमें अमिताभ कहता है, लाइन वहां से शुरू होती है जहाँ से कालिया खड़ा होता है।
परन्तु यह सब सच है।
और यह भी सच है कि इस २ मीटर के धागे में मौजूद है ३,००,००,००,००० अक्षरों की रेल लाइन नुमा पटरी, जो की ४ अक्षर (ऐ, सी, जी, टी) की वर्णमाला से बनी है। इस धागे में छुपा है कुबेर का खजाना याने कि अथाह ज्ञान का भण्डार जिसको सुलझाने/समझने के पीछे लगी है आज पुरी दुनिया। इस धागे में इतनी सुचना है जिसका अनुमानित आकार ५०० ब्रिटैनिका सारसंग्रह के बराबर है। और इसी धागे में ही मौजूद हैं अनुमानित ३०,००० जींस जो हर वक्त चुस्त रहते हुए और बिना शिकायत करते हुए शरीर कि कोश्काओं में प्रोटीन और अन्य कण बनाती रहती हैं। कब किस वक्त और आपके शरीर के किस कोने में कितनी मात्र में प्रोटीन बनाना है इन्हें बखूबी आता है। यही वो जींस है जो यह तय करती हैं कि आप गुस्सैल स्वाभाव के होंगे या ठंडे, या फ़िर आपके बालो या आँखों का रंग क्या होगा, या फ़िर आप गंजे कब होने लगेंगे.
इस धागे में जींस के अलावा अनगिनत काम के छोटे बड़े तत्व छुपे हैं, जिनको खोज निकालना एक बहुत बड़ी चुनौती है। इस काम को अंजाम देने के पीछे लगे हैं दुनिया भर के जीव और संगणक वैज्ञानिक। कुछ सफलता भी मिली है पीछे कुछ सालो में लेकिन दिल्ली अभी बहुत दूर है। यह पहेली आसान स्वरुप में कुछ इस प्रकार कि है जैसे मैं आपको अंग्रेज़ी में लिखा हुआ एक परिच्छेद दूँ और कहूं कि आप मुझे उसका मतलब समझा दें। आप बोलेंगे अरे यार आप भी, ये भी कोई समस्या है क्या, इसे तो मैं एक आँख से पढ़कर बता सकता हूँ कि उस परिछेद में क्या लिखा है। सही फ़रमाया आपने। अब अनुमान कीजिये, मैं आपको वही परिछेद रुसी भाषा में दूँ तो क्या होगा। फ़िर आपके माथे पे चिंता कि लकीरें आ जाएँगी और आप तलाशने लगेंगे गूगल का अनुवाद यन्त्र। लेकिन इतनी जल्दी नही कीजिये, पहेली अभी खत्म नही हुई है। अगर अब मैं उस परिछेद में से विराम चिह्न और शब्दों के बीच कि दूरी हटा दूँ तो। आप बोलेंगे यार आप तो मुझे अब यातना देने लग गए, यह सवाल तो गोल कमरे के सामान है जिसका कोना खोजने के लिए कह रहे है। जी हाँ, यहाँ बताई गई पहेली जीनोम कि खोज का एक बहुत छोटा सा अंश मात्र है।
वैसे मुझे ऐसा लगता है कि इंसान कि जन्म पत्री और जीनोम पत्री कही ना कही जाके मिलेंगी जरुर किसी न किसी रूप में। और इस रहस्य कि एक कड़ी का रास्ता अपने हिंदू ग्रंथों से होकर निकलता हो, शायद.
ॐ
शनिवार, 11 अक्तूबर 2008
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1 टिप्पणी:
सही कहा, जनम पत्री मिलने से ज्यादा जरूरी है जेनोम पत्री मिलाना। इससे थलासेमिया जैसे खतरनाक आनुवंशिक रोगों से मुक्त बच्चे प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
इस तरह के विषयों पर अपने ब्लोग में प्रकाश डालें।
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