कल गूगल ने मेरा ब्लॉगर अकाउंट निष्क्रीय कर दिया था स्पैम समझते हुए. उसी से याद आया के गूगल स्पैम आखिर मशीन (सॉफ्टवेर) ही तो है, इसलिए उससे गलती होना लाजमी है मर्फी कानून के नियम से. चलिए थोडी चर्चा करते हैं क्या है यह गूग्लिये की यह मशीन. यह कृत्रिम बुद्धि के बल पर यह तय करती है की कोई अकाउंट स्पैम है या नही. अब कृत्रिम बुद्धि क्या बला है यह देखते हैं. कृत्रिम बुद्धि याने की कृत्रिम तरीके से तईयार की गई बुद्धि. चलिए उधाहरण देखते हैं इसका:
आप जब अमिताभ की फ़िल्म १९७० में देखते तो यह निश्चित मान के चलते की उसमें एक्शन होगा. ऐसा क्यों? क्यों की आपके दीमाग ने अमिताभ की ऐसी ही कुछ परछाई सहेज के रखी हुई थी. तुलना कीजिये, किसी विदेशी से जिससे आप अमिताभ का जिक्र करेंगे तो वो बंगले झाकने लगेगा. यह इसलिए है क्यों की इंसान का देमाग हर वक्त नए एविडेंस की तलाश मैं रहता है जिनकी बुनियाद पर पुराणी छवि को सुधरता रहता है. यही वजह है आप कभी तो अपने पड़ोसी को अच्छा बताते हैं और कभी बुरा.
कृत्रिम बुद्धि आधारित मशीनें भी कुछ ऐसे ही काम करती हैं; नए एविडेंस की मौजूदगी में अपना नजरिया बदलती रहती हैं. अच्छा ये बताईये नारंगी रंग को आप ज्यादा लाल कहेंगे या ज्यादा गुलाबी? फंस गए ना जाल में! कुछ समस्याएँ ऐसी होती हैं जिनको एक कंप्यूटर इंसान से शायद ज्यादा समजदारी से सुलझा सकता है. कृत्रिम बुद्धि आधारित मशीनों का काम करने का स्टाइल कुछ वैसा ही होता है जैसे एक डाक्टर अपने मरीज की नब्ज़ टटोल कर और सवाल पूछ कर बीमारी निर्धारित करता है.
'गूगल स्पैम' भी अनेको सिग्नल एकत्रित करके उनका मिश्रण करते हुए यह फ़ैसला करता है की ईमेल/ब्लॉग पोस्ट अन्य स्पैम है या नही. और इस कार्यवाई में गणित का बहुत योगदान होता है.
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3 टिप्पणियां:
राजेश जी
इसे और विस्तार से बताते तो ठीक रहता। या सारा कुछ कह दिया आपने। मुझे भी गूगल के मेसेज आते रहते हैं। डिलिट कर देता हूं। अब मुझे क्या करना चाहिए। अगर अकाउंट निष्क्रिय हो गया तो क्या ब्लाग पर अपडेट नहीं कर सकूंगा। रास्ता क्या है।
आप जैसे तकनीकज्ञ तो समझ लेते हैं, पर आमतौर पर अतकनीकी लोगों को ये बातें समझ में नहीं आतीं और फिर हल्ला होने लगता है कि गूगल ने जबरन उनके ब्लॉग स्पैम कर दिए!
कुछ प्रकाश डालें कि गूगल क्या एवीडेंस एकत्र करता है किसी ब्लॉग को स्पैम घोषित करने में. यदि ये पता हो, तो इसका तोड़ भी स्पैमर निकाल लेंगे. मगर, एक उपयोक्ता के तौर पर क्या सावधानी रखनी चाहिए, ये तो पता हो.
रविशजी, अगर आपका अकाउंट निष्क्रिय हो जाए तो आप उनसे निवेदन कर सकते हैं पुनरीक्षण करने के लिए, अन्यथा कुछ समय बाद वे आपका ब्लॉग को स्थायी रूप से काट देंगे. अब जैसे मेरा ब्लॉग वापस सक्रिय कर दिया है.
रवि जी आपने बहुत अच्छा मुद्दा उठाया है. हलाकि इन निश्चित कारणों को पुरे विश्वास के साथ बयां नही किया जा सकता क्यों की यह सुचना पुरी तरह पब्लिक नही है, लेकिन फ़िर भी थोड़ा गौर फरमाएं तो कुछ संकेत जरुर मिल सकते हैं. सबसे आम कारणों में शायद यह सबसे मुख्य हैं.
१. एडसेंस पे ख़ुद क्लिक करना या किसी दूसरे से करवाना: गूगल के पास सारी सुचना है की आपके वेबसाइट पे कहाँ कहाँ से लोग आ रहे हैं और उन आने वाले लोगो के आने के स्वरूप और उनके आईपी एड्रेस. उनको यह पता लगाना काफी आसान है कि क्लिक सच्ची है या झूठी ऐसी कुछ ऐसी बुनियादी सूचनाओ के बूते पे. एडसेंस के विज्ञापन जैसा दिखने वाला और दूसरा नही होना चाहिए किसी एक पेज पर. उनके एडसेंस के नियमो और शर्तो में इन बातो को बताया गया है.
२. आपके ब्लॉग पे द्वेष, रेस, एडल्ट, कॉपीराइट आदि प्रकार का कंटेंट होना.
३. अगर आपने कोई ग़लत तरीके इस्तेमाल करते हुए अपने ब्लॉग कि सर्च इंजन में रंकिंग बढ़ाने कि कोशिश की हो. गूगल रंकिंग कैसे देता है इसकी इसकी पुरी ख़बर किसी को नही है सिवाय गूगल के, लेकिन फ़िर भी कयास लगाया जा सकता है.
मुख्य बिन्दु १ एवं ३ हैं, क्यों कि पैसा बहुत बुरी बला है. इन बिन्दुओ पर मैं कभी विस्तार से लिखूंगा. मेरा विचार है अगर आप सही तरीके अपनाएंगे तो कुछ बुरा होने कि सम्भावना बहुत कम है.
आशा है मैंने आपके सवाल का जवाब संतोषजनक दिया हो. अगर नही तो आगे बेहतर प्रयास करेंगे.
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